U. P. की 17 जातियों ने आरक्षण समाप्त किए जाने व जातिवार जनगणना न कराए जाने के विरोध में विशान धरना-प्रदर्शन किया

नई दिल्ली (New Delhi), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट, 11 दिसम्बर 2019। U. P. की 17 जातियों ने आरक्षण समाप्त किए जाने व जातिवार जनगणना न कराए जाने के विरोध में विशान धरना-प्रदर्शन किया।
     नई दिल्ली के जन्तर मन्तर पर 11 दिसम्बर को विशम्भर प्रसाद निषाद जी (सांसद राज्य सभा) की अध्यक्षता  व मुख्य अतिथि शंखलाल मांझी जी (पूर्व सांसद, राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मछुआ महासंघ), विशिष्ट अतिथि रमाशंकर विद्यार्थी राजभर व दयाराम प्रजापति पूर्व मंत्री के नेतृत्व में कश्यप, निषाद, मांझी, प्रजापति, राजभर महासंघ के तत्वाधान में केंद्र व उप्र. प्रदेश सरकार द्वारा 17 उप जातियों कहार, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी तथा मछुआ का आरक्षण समाप्त किए जाने व जातिवार जनगणना न कराए जाने के विरोध में विशान धरना-प्रदर्शन का आयोजन आयोजित किया गया। (https://youtu.be/07DrH_AhRKs)
   समाजवादी पार्टी की सरकार ने 22 दिसंबर 2016 को उक्त जातियों को अनुसूचित जाति के रूप में परिभाषित किया था जिसे उप्र. सरकार द्वारा 14 अक्टूर, 2019 को 21.12.2016 व 22.12.2016 तथा अपनी सरकार क 24.6.2019 के शासनादेशों को निरस्त कर जाति प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगा दी है। जबकि उप्र, की अनुसूचित जातियां आदेश 1950 स.आ. के भाग-18 उप्र. की अनुसूचित जाति की सूची में विद्यमान क्रमांक सं.-53 में मझबार, क्रमांक सं.-36 में गोड, क्रमांक सं.-66 में तुरैहा, क्रमांक सं.-59 पासी/तरमाली, क्रमांक सं.-65 शिल्कार, क्रमांक सं.-18 बेलदार दर्ज है, की उपरोक्त उपजातियां, जिनका रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज, शादी-विवाह एक जैसा है तथा आपस में रोटी-बेटी का रिश्ता भी है।
      उप्र. सरकार द्वारा 17 उप जातियों के प्रमाण पत्र बनाने में रोक लगाने से पूरे प्रदेश में भारी आक्रोश व्याप्त है, लाखों लोग आंदोलित हैं। इसलिए हजारों की संख्या में जन्तर-मन्तर में धरन 1-प्नदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौपा।
      धरना को संबोधित करते हुए, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्यसभा सांसद मा. विशम्भर प्रसाद निषाद ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बिना आरक्षण मांग किए सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण प्रदान कर दिया है। जबकि दशकों से इन 17 वंचित उपजातियों को अनुसूचित जाति में परिभाषित नहीं कर रही है। श्री निषाद द्वारा राज्य सभा में निजी विधेयक के जरिए भी इन 17 उप जातियों को परिभाषित करने हेतु मांग रख चुक हैं। आज राज्य सभा में श्री विशम्भर प्रसाद निषाद ने प्रश्नकाल में इन जातियों को परिभाषित करने हेतु जोरदार मांग रखी और सडक से संसद तक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए जोर दिया।
     मुख्य अतिथि क रूप में पूर्व सांसद व पूर्व मत्री श्री शंखलाल मांझी जी ने कहा कि अपने हक अधिकार की लडाई लड़ने के लिए पूरे प्रदेश स्तर पर संगठित होकर समाज के हक अधिकार के लिए गूंगी-बहरी उ.प्र. व केन्द्र सरकार से संघर्ष करना होगा और जब तक आरक्षण का अधिकार मिल नहीं जाता और हमारी जातिवार जनगणना नहीं कराई जाति तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
    विशिष्ट अतिथि क रूप में श्री रमाशंकर राजभर पूर्व सांसद व दयाराम प्रजापति पूर्व मंत्री ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि अपने हक अधिकार की लडाई कं लिए समाज के हर व्यक्ति को अपने अधिकारो के प्रति जागरूक करना होगा।
   कार्यक्रम को 7 जून 2015 को गोरखपुर में हुए निषाद SC आरक्षण के रेल रोको आंदोलन में शहीद हुए वीर शहीद अखिलेश निषाद के पिता श्री आत्माराम निषाद जी ने भी इटावा के मड़ैया दिलीप नगर से चल कर जन्तर मन्तर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
    इसके साथ ही समाज के गणमान्य श्री रामरति बिन्द (पूर्व सांसद), श्री राम चरित्तर निषाद (पूर्व सांसद), लक्ष्मी कांत निषाद उर्फ पप्पू निषाद, पूर्व मंत्री, किरनपाल कश्यप, पूर्व मंत्री राम दुलारे राजभर, श्री ओम प्रकाश वर्मा पूर्व विधायक, चौ. लालता प्रसाद निषाद पूर्व मंत्री, श्री व्यासजी गोंड पूर्व मंत्री, श्री रमेश प्रजापति, पूर्व मंत्री श्री सत्यवीर सिंह प्रजापति, श्री विद्यावती राजभर, श्री अमरेन्द्र निषाद, श्री पूर्णमासी देहाती पूर्व विधायक, श्री संजीव कुंमार प्रजापति, श्री जेएल मांझी, श्री रामकिशोर बिन्द पूर्व मत्री, ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस कार्यकम में हजारों की संख्या में समाज के लोगों ने तख्ती-बैनर लेकर जोरदार नारे लगाकर प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन सौपा।
   एकलव्य मानव संदेश के राष्ट्रीय मुख्य संचालक एवं एकलव्य मानव सन्देश के सम्पादक/प्रकाशक जसवन्त सिंह निषाद, राष्ट्रीय संरक्षकगण श्री महेंद्र सिंह निषाद, श्री बादाम सिंह निषाद, ईं. परमवीर कश्यप, राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कश्यप, एडवोकेट महेंद्र सिंह निषाद पूर्व प्रधान, श्री जयविंदर सिंह कश्यप (काशीपुर, उत्तराखंड), नागेंद्र बिन्द (जौनपुर), सुनील निषाद सुल्तानपुर भी अपनी टीम के साथ इस धरना प्रदर्शन में पहुंचे।

(सभा को संबोधित करते राज्यसभा सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद जी https://youtu.be/ZOmbtUwz2BE)

  अलीगढ़ की खैर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी डॉ. जहारिया सिंह निषाद, युवा नेता सुरजीत कश्यप, हाथरस से डॉ. लक्ष्मी नारायण तुरैहा, बिजेंद्र कश्यप,  मथुरा से हीरा लाल निषाद अध्यापक, आगरा से कैप्टन जगदीश प्रासाद, भूरा निषाद, आंशू रानी निषाद (पूर्व प्रत्याशी बाह), राजेश निषाद फिरोजाबाद, रवी प्रकाश निषाद फतेहपुर, जितेंद्र बाथम फरुखाबाद आदि बड़ी संख्या में अपने अपने साथियों सहित इस धरना प्रदर्शन में उपस्थित हुए।