आओ ऐसे भारत की मजबूती के लिए आगे आएं, जिसमें न मनुस्मृति की बात हो और न ही शरीयत की बात हो, हर इंसान कीं तरक्की के लिए केवल भारत के संविधान की बात हो। जो मजहब आपस में वैर रखना सिखाता हो, वह भारत के संविधान का विरोधी है। हम सभी प्रकार की धार्मिक कट्टरता का पुरजोर विरोध करते हैं।
-एकलव्य मानव संदेश