कोविड-19 माहमारी बीमारी फैलने से विमुक्त व घुमंतू वर्ग रोजी - रोटी का संकट झेल रहा है

एकलव्य मानव संदेश। भारत में विमुक्त घुमंतु, अर्द्ध-घुमंतू जातियों की आबादी 30 करोड़ है। लेकिन इस वैश्विक कोविड़-19 माहमारी बीमारी फैलने से भारत के प्रत्येक राज्यों में यह विमुक्त व घुमंतू वर्ग रोजी - रोटी का संकट झेल रहा है। और लॉकडाउन में बेरोजगारी का सीधा असर सबसे ज्यादा इन डीएनटी जातियों पर पड़ा है। 

इस वर्ग के लोग कचरा बीनकर , भीख मांगकर, लोक नृत्य, दिहाड़ी मजदूरी, बूट पॉलिस, खिलौने बेचने जैसे कार्य कर अपना पेट पालकर गुजारा करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की घोषणा के बाद भारत की केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए की योजना केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा योजना बनाई है। इस योजना में देश व राज्यों के घुमंतू व विमुक्त जातियों के लिये पैकेज की कोई भी योजना तैयार नहीं की गई है। भारत सरकार द्वारा कोविड़19 में (DTNT) विमुक्त घुमंतु, अर्द्ध-घुमंतू जातियों को आर्थिक भी आर्थिक पैकेज दिया जाए, जिससे इन जातियों को भी माहमारी लॉक डाउन से हो रही आर्थिक परेशानी से राहत मिल सके।