मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश (Mjaffarnagar, Uttar Pradesh), एकलव्य मानव संदेश (Eklavya Manav Sandesh) ब्यूरो रिपोर्ट। 17 अतिपिछड़ी जातियों ने महा पंचायत कर किया ऐलान: SC आरक्षण नहीं तो 2022 में डुबोयेंगे भाजपा की नैया।
संवैधानिक आरक्षण संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में 1 फरवरी 2021 को माता शाकुंभरी देवी मंदिर जिला सहारनपुर से शुरू होकर 23 मार्च दिल्ली जंतर-मंतर पहुंचने वाली आरक्षण जन जागरण ज्योत रथयात्रा के 23 वें दिन कश्यप समाज ने 17 अति पिछड़ी जातियों के आरक्षण को लेकर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में आरक्षण महापंचायत रखी, जिसमें हजारों लोगों ने इकट्ठा होकर राजकीय इंटर कॉलेज से जलूस निकालकर डीएम को ज्ञापन दिया।
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मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक इंजीनियर देवेंद्र कश्यप ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सांसद के रूप में वर्ष 2012 में कश्यप निषाद सहित 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा सदन में उठाते हुए कहा था कि इस देश को आजाद कराने में इन जातियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है एवं देश की विपन्न परिस्थितियों में इन जातियों ने देश की रक्षा की। इन जातियों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति बहुत कमजोर है इसलिए इन जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ मिलना चाहिए।
2 जुलाई 2015 को गोरखपुर में धरना देते हुए तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ जी ने इन जातियों की लड़ाई को सड़क से संसद तक लड़ने का वादा किया था।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार कश्यप एवं राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव जय भगवान कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इलाहाबाद की रैली में गंगा पुत्रों को आरक्षण देने का वादा किया था। वर्ष 2014 में बीजेपी के नितिन गडकरी और सुषमा स्वराज ने मछुआ विजन पेश किया और विजन में मछुआ समुदाय को पूरे देश में अनुसूचित जाति का आरक्षण देने की बात कही थी।
लेकिन आज केंद्र और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार होने इसके बावजूद भी इन जातियों को संविधान में लिखा अनुसूचित जाति का आरक्षण मोदी और योगी की भाजपा सरकारों द्वारा नहीं दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के आरक्षण के वायदे पर विश्वाश करते हुए इस समुदाय की सभी जातियों ने 2014, 2017 और 2019 में शत प्रतिशत वोट भाजपा को दिया था।
मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष मास्टर सुरेश पाल कश्यप एवं जिला अध्यक्ष मास्टर सुबोध कश्यप ने कहा कि कश्यप समाज की 17 अति पिछड़ी जातियों की स्थिति सामाजिक शैक्षिक एवं राजनीतिक स्थिति बहुत खराब है, 17 प्रतिशत आबादी होने के बाद भी न तो इन जातियों के नेता, एसडीएम, कलेक्टर, सिपाही दरोगा, मास्टर हैं और न ही डॉक्टर, इंजीनियर, वकील हैं। यह समाज विकास के सबसे निचले पायदान पर है। इस समुदाय की राजनीतिक एवं सरकारी नौकरियों में भागीदारी नगण्य है। इसलिए इन सबको विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए जातिगत जनगणना कराकर अनुसूचित जाति का आरक्षण मिलना चाहिए। महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि बीजेपी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले इस समुदाय का आरक्षण लागू नहीं करती है तो यह समाज बीजेपी को अपने 17 प्रतिशत वोट की चोट से सत्ता से बाहर करने का काम करेगा।
महापंचायत में एडवोकेट राजपाल कश्यप,अमित कश्यप, शाम कश्यप, धन प्रकाश कश्यप, संचित कश्यप, प्रदीप कश्यप, मुकेश कश्यप, आनंद कश्यप, सोमपाल कश्यप, मोहनलाल कश्यप, अजय कश्यप, सुमित कश्यप ने भी अपने विचार रखे जल सिंह फौजी, एडवोकेट हरि गोपाल कश्यप, सौरभ कश्यप, सतपाल कश्यप, अनुज कश्यप, अर्जुन कश्यप, अश्वनी, संजीव, डॉक्टर आदेश कश्यप, कुलदीप कश्यप, किरण कश्यप, चरण सिंह कश्यप, राम निवास कश्यप, डॉक्टर गोवर्धन कश्यप, बबीता कश्यप, पूजा कश्यप, आरती कश्यप, सीमा कश्यप, सोनगिरी कश्यप, ममता कश्यप, आरती कश्यप आदि हजारों लोग मौजूद रहे।
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