पढ़ें: हिन्दू बनकर ब्राह्मणों की गुलामी करने से क्यों बेहतर है शूद्र बनकर भारत का शासक बनना ?

     साथियों! शूद्र गौरव मिशन से जुड़ने के शुरुआती दिनों में मेरी भी यही मनोदशा थी। मैं शूद्र शब्द पर गर्व नहीं कर पा रहा था। यह स्थिति दो तीन महीने तक रही। किन्तु काफी चिंतन मनन करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि 15/85 की लड़ाई जीतने में शूद्र शब्द हमारे लिए अत्यंत कारगर हथियार साबित हो सकता है। 

ट्विटर लिंकः

https://twitter.com/JaswantSNishad/status/1633127561281814529?t=sNWbK4LSpW_zS8_JOHOAlw&s=19

फ़ेसबुक लिंकः

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0NRvXsVM92EVJ4tZEYoYyjgd5wdgPip3hnWLdrDUFTf1Cp7QftZM5u1ccpqGPsjyEl&id=100063759285494&sfnsn=wiwspmo&mibextid=RUbZ1f


1. शूद्र शब्द हर ब्राह्मणी ग्रंथ में है। जब बहुजन समाज के लोग खुद को हिंदू नहीं शूद्र मानकर इन ग्रंथों को पढ़ेंगे तो, शूद्रों के बारे में, ब्राह्मण लेखकों के द्वारा लिखी अपमान जनक कहानियां और नियम कायदे पढ़कर उनका शूद्र मन विद्रोह कर देगा और उन ग्रंथों को वे ठोकर मार देंगे।

 यह काम बहुजन या मूलनिवासी शब्द नहीं कर सकते! क्योंकि ये शब्द उन ग्रंथों में हैं ही नहीं।

2. महापुरुषों ने कहा है, वह शिक्षा किसी काम की नहीं, जो मित्र और शत्रु की पहचान न करा सके।

   शूद्र शब्द के स्वीकार करते ही शूद्रों के शातिर दुश्मन कौन हैं! तुरंत समझ में आ जाता है।

3. महापुरुषों ने हमें जाति नहीं, जमात बनाकर संगठित होने का निर्देश दिया है! शूद्र मानते ही 85 प्रतिशत की जमात तैयार हो जाती है, जो लोकतंत्र में बहुत बड़ी ताकत बन सकती है।

4.शूद्र शब्द से ब्राह्मण डरते हैं! एक बार डरे तो क्रमिक नीच ऊंच के आधार पर हजारों जातियों में बांट दिया!! दूसरी बार लोकतंत्र की आहट पाकर डरे तो, हिन्दू हिन्दू चिल्लाना शुरू कर दिया!!!

5. 15 प्रतिशत वाले, यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य; एससी, एसटी, ओबीसी को शूद्र ही जानते व मानते हैं और उनके साथ वैसा ही व्यवहार भी करते हैं।

   सिर्फ इसलिए कि, शूद्र खुद को शूद्र नहीं मानते! जिस दिन शूद्र भी खुद को शूद्र मानने लगे और शूद्र नाम से संगठित हो गए, उनके साथ अपमान जनक व्यवहार करने की किसी की हिम्मत नहीं पड़ेगी।

6. नीचता का स्टीकर शूद्रों का गुण नहीं, ब्राह्मणों द्वारा अपनी नीचता छिपाने के लिए लगाया है, श्रमजीवी शूद्र, परजीवी ब्राह्मणों से नीच कैसे हो सकते हैं?

  मेहनतकश नीच और निकम्मे ऊंच कैसे हो सकते हैं?

7. जहां तक मनु-स्मृति के उद्देश्य की बात है, उसकी पूर्ति तब तक होती रहेगी, जब तक भारत में ब्राह्मण शाही कायम है।

  ब्राह्मण शाही का किला ध्वस्त होगा, शूद्र नाम की मिसाइल से, बस शूद्र समाज को उस ताकत को पहचानने की जरूरत है।

8. भारत में बहुजनों का शासन हो यह हर महापुरुष का सपना था।

   जिसके लिए उन्होंने पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

  हमें सिर्फ शूद्र शब्द को स्वीकार करके उस लड़ाई को आगे बढ़ाना है, जीत निश्चित है। शूद्र शब्द में हमारा इतिहास छिपा है, जो हमारे लड़ने के जज्बे को कभी कम नहीं होने देगा।

9. हमारा यह अनुभव है कि ब्राह्मण के सामने जब हम अपना परिचय शूद्र के रूप में देते हैं तो वह असहज हो जाता है। उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। उसके होंठ सूखने लगते हैं। उसका सारा ज्ञान काफूर हो जाता है। आखिर क्या कारण है ? कारण एक ही है कि पूरे आत्मविश्वास के साथ हमारे द्वारा खुद को शूद्र कहते ही वह अपराध बोध से ग्रसित हो जाता है। खुद को अल्पसंख्यक मानकर अलग-थलग और असुरक्षित महसूस करने लगता है, क्योंकि सामने खड़े यादव, पाल, मौर्य, पटेल, निषाद खुद को एक ही शब्द, शूद्र से परिचय दे रहे हैं।

10. संसद में मा. राम गोपाल यादव और सांसद कनिमोझी ने खुद को शूद्र कहा शूद्र गौरव मिशन बहुत तेजी से फैल रहा है, जिस शब्द को कमजोर और कमजोरी की निशानी बताया गया था उसी को हम ताकत बना रहे हैं।

   इसलिए शूद्र शब्द से भागने की नहीं उसे अपनाकर अपने 85 प्रतिशत बहुजन समाज को संगठित करके, ब्राह्मण शाही के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ने की जरूरत है।

   बिहार के शिक्षामंत्री चंद्र शेखर यादव ने रामचरितमानस की उन चौपाइयों पर सवाल उठाया जो शूद्रों और नारियों को अपमानित करती हैं तो, ब्राह्मणी छावनी के साधु के वेश में छुपे गुंडे उनकी हत्या की धमकी देने लगे!!

   उप्र के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने भी शूद्रों और नारियों को अपमानित करने वाली रामचरितमानस की चौपाइयों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की तो उन्हें भी ब्राह्मणी छावनी से हत्या की धमकी मिलने लगीं!!

   शूद्र समाज के कुछ लोगों ने रामचरितमानस की अपमानित करने वाली चौपाइयों की सिर्फ फोटो कापी जलाई तो आर एस एस नियंत्रित योगी सरकार ने एनएसए और अन्य धाराएं लगाकर जेल में ठूंस दिया।

  जब उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी से पूछा कि शूद्र क्या है?

   तो सीएम योगी ने कहा शूद्र श्रमिक वर्ग के लिए कहा गया है। दुबारा पूछा गया तो चुप्पी साध ली।

  पूरी ब्राह्मणी छावनी को पता है कि शूद्र, अति शूद्र यही ओबीसी, एससी, एसटी ही हैं। उनके साथ वैसा ही व्यवहार भी करते हैं, लेकिन कह देंगे तो इनका हिन्दुत्व और सनातन का गुब्बारा ही फूट जायेगा।

   जब हर ब्राह्मणी ग्रंथ में ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र का वर्णन है! समाज में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तो दिख रहे हैं, फिर शूद्र कहाँ लापता हो गए?

   ब्राह्मणी ग्रंथों के अनुसार शूद्रों को शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान का अधिकार ही नहीं था उनको अधम वर्ण का लिखा गया है!

  जे वर्णाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा! - रामचरितमानस

  बाबा साहेब ने ओबीसी के लिए सामाजिक शैक्षणिक पिछड़े पन को आधार माना था। यह पिछड़ापन उन्हें चौथे वर्ण शूद्र में रखने के अलावा और कहाँ से आया?

  बाबा साहेब ने अपनी किताब 'शूद्र कौन थे' अपने गुरु महात्मा ज्योतिबा फुले को दुनिया का महानतम शूद्र कहा था जो माली समाज के थे। माली समाज आज ओबीसी वर्ग में आता है।

  सारे तथ्य प्रमाणित करते हैं कि ओबीसी ही ब्राह्मणी वर्ण व्यवस्था के शूद्र हैं और एससी एसटी अति शूद्र, महात्मा ज्योतिबा फुले ने भी इन्हें शूद्र अति शूद्र ही कहा था।

   ब्राह्मण कभी भी यह नहीं बताएगा कि ओबीसी, एससी, एसटी ही वर्णव्यवस्था के शूद्र, अति शूद्र हैं। खुद ब्राह्मण होने पर गर्व करेगा, क्षत्रियों को क्षत्रिय होने पर गर्व करायेगा, वैश्यों को वैश्य होने पर, लेकिन शूद्रों, अति शूद्रों को हिंदू होने पर गर्व करायेगा, ताकि उनके वोट से भारत की सत्ता हाथ में लेकर मनु विधान के अनुसार, शूद्रों, अति शूद्रों के हक अधिकार को हड़प सके। उन्हें शिक्षा संपत्ति शस्त्र सम्मान से वंचित कर सके। उनको अपमानित और प्रताड़ित कर सके। इसीलिए ब्राह्मण और उसकी राजनीतिक पार्टियां जाति आधारित जनगणना का विरोध करते हैं! आरक्षण को निष्प्रभावी बनाते हैं और शूद्रों की जागरूकता से डरकर ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने का भी विरोध करते हैं।

हिन्दू होने पर गर्व बस अब और नहीं!

  धर्म में वर्ण, वर्ण में जाति, जाति में ऊंच - नीच और ब्राह्मण के आगे सारे नीच, तो गर्व से कैसे कहें हम हिन्दू हैं?

इसीलिए आप से कहना कि हिन्दू बनकर ब्राह्मणों की गुलामी करने से बेहतर है शूद्र बनकर भारत का शासक बनें।

इसलिए ललकार कर पूरी ताकत से कहो हम शूद्र हैं!

चन्द्र भान पाल

भारतीय शूद्र संघ (बी एस एस)


           $#$#$#$#$#$


ब्राह्मण समस्त झगड़ों की ज़ड़ है

आइये जानतें हैं ब्राह्मण के चाल, चरित्र और चेहरे को.....

01. अपने पक्ष में वेद लिखने वाले = ब्राह्मण!

02. धर्म के भ्रमजाल पर पुराण लिखने वाले = ब्राह्मण!

03. धर्म के विस्तार के लिए उपनिषद लिखने वाले = ब्राह्मण!

04. आपसी झगड़ों पर ग्रंथ लिखने वाले = ब्राह्मण!

05. खुद की श्रेष्ठता के लिए मनुस्मृति लिखने वाला = ब्राह्मण!

06. अंधविश्वास में फंसाने के लिए पंचांग लिखने वाला = ब्राह्मण!

07. अपने रोजगार के लिए मंदिर बनवाने वाला = ब्राह्मण!

08. काल्पनिक भगवान बनाने वाला = ब्राह्मण!

09. मिथ्या पूजापाठ कराने वाला = ब्राह्मण!

10. मूर्ख बनाने के लिए कर्मकांड करने वाला = ब्राह्मण!

11. गरीबों में पाखंड फैलाने वाला = ब्राह्मण!

12. अशिक्षितों में अंधविश्वास फैलाने वाला = ब्राह्मण!

13. चमत्कार के नाम पर ढोंग फैलाने वाला = ब्राह्मण!

14. अपनी जाति से दूसरी जातियों को छोटी बनाने वाला = ब्राह्मण!

15. जातियों में ऊँच-नीच की भावना फैलाने वाला = ब्राह्मण!

16. जातियों के टुकड़े करने वाला = ब्राह्मण!

17. जातियों को काम बांटने वाला = ब्राह्मण!

18. जाति के आधार पर भेदभाव-छुआछूत करवाने वाला = ब्राह्मण!

19. इंसानों को अछूत बनाने वाला = ब्राह्मण!

20. छोटी जातियों पर अत्याचार कराने वाला = ब्राह्मण!

21. जाति देखकर सजा देने वाला = ब्राह्मण!

22. शूद्रों को नीच बताने वाला = ब्राह्मण!

23. महिलाओं को उपभोग की वस्तु बताने वाला = ब्राह्मण!

24. महिलाओं को बराबर नहीं मानने वाला = ब्राह्मण!

25. कांग्रेस को बनाने वाले = ब्राह्मण!

26. आरएसएस को बनाने वाले = ब्राह्मण!

27. जनसंघ को बनाने वाले = ब्राह्मण!

28. जनता पार्टी को बनाने वाले = ब्राह्मण!

29. भाजपा को बनाने वाले = ब्राह्मण!

30. माकपा-भाकपा-तृणमूल कांग्रेस को बनाने वाले = ब्राह्मण!

31. सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री बनने वाले = ब्राह्मण!

32. सबसे ज्यादा राष्ट्रपति बनने वाले = ब्राह्मण!

33. सबसे ज्यादा एमपी-एमएलए बनने वाले = ब्राह्मण!

34. सबसे ज्यादा राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री बनने वाले = ब्राह्मण!

35. सबसे ज्यादा जज बनने वाले = ब्राह्मण!

36. सबसे ज्यादा एसपी-कलेक्टर बनाने वाले = ब्राह्मण!

37. एससी-एसटी से नफरत करने वाले = ब्राह्मण!

38. मुसलमानों से नफरत करने वाले = ब्राह्मण!

39. हिंदू-मुसलमानों को लड़वाने वाले = ब्राह्मण!

40. आरक्षण का विरोध करने वाले = ब्राह्मण!

41. पदोन्नति में आरक्षण का विरोध करने वाले = ब्राह्मण!

42. एससी-एसटी कानून का विरोध करने वाले = ब्राह्मण!

43. टीवी न्यूज चैनल चलाने वाले = ब्राह्मण!

44. अखबार छापने वाले = ब्राह्मण!

45. सबसे ज्यादा संवाददाता-पत्रकार बनने वाले = ब्राह्मण!

46. सबसे बड़े गायों के कत्ल कारखाने चलाने वाले = ब्राह्मण!

47. सुअरों के कत्लखानें चलाने वाले = ब्राह्मण!

48. सबसे ज्यादा गाय का मीट खाने वाले = ब्राह्मण!

49. सबसे ज्यादा बलात्कार करने वाले = ब्राह्मण!

50. सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार फैलाने वाले = ब्राह्मण!

51. विदेशों में सबसे ज्यादा कालाधन जमा करने वाले = ब्राह्मण!

52. ज्योतिबा फुले को शूद्र कहकर अपमानित करने वाले = ब्राह्मण!

53. सावित्रीबाई फुले पर कीचड़ फेंकने वाले = ब्राह्मण!

54. बड़ौदा दरबार में डॉ. अंबेडकर को पानी नहीं पिलाने वाला = ब्राह्मण!

55. महाड़ तालाब के पानी को छूने पर बाबासाहेब पर हमला करने वाले : ब्राह्मण!

56. कालामंदिर में घुसने पर बाबासाहेब पर हमला करने वाले = ब्राह्मण!

57. बाबासाहेब की मूर्तियों को तोड़ने वाले = ब्राह्मण!

58. अजमेर-मालेगांव (मुम्बई) में विस्फोट करने वाले = ब्राह्मण!

59. हिंदू आतंकवाद फैलाने वाले = ब्राह्मण!

60. संविधान का विरोध करने वाले = ब्राह्मण!

61. पूरे देश में 11.12.1949 को डॉ. अंबेडकर के पुतले जलाने वाले = ब्राह्मण!

62. दिल्ली में 09.08.2018 को संविधान जलाने वालेब्राह्मण!

63. एकलव्य का अंगूठा कटवाने वाला = ब्राह्मण!

64. शंभूक ऋषि की हत्या कराने वाला = ब्राह्मण!

65. बौद्ध राजा बृहद्रथ की हत्या करने वाला = ब्राह्मण!

66. महात्मा गांधी की हत्या करने वाला = ब्राह्मण!

67. पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या करने वाले = ब्राह्मण!

68. नरेन्द्र डाभोलकर की हत्या करने वाले = ब्राह्मण!

69. रोहित वेमुला की हत्या करने वाले = ब्राह्मण!

70. डॉ. अंबेडकर की हत्या करने वाली = ब्राह्मण!

71. धर्म के नाम पर लूटने वाले = ब्राह्मण!

72. मंदिरों में सबसे ज्यादा कालाधन एकत्रित करने वाले = ब्राह्मण!

73. भगवान के भय से डराने वालेब्राह्मण!

74. भगवान के नाम पर दान मांगने वाले = ब्राह्मण!

75. मंदिर के नाम पर अनुदान मांगने वाले = ब्राह्मण!

76. सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद, प्रधान, सरपंच बनने के लिए सबसे ज्यादा मतदान मांगने वाले = ब्राह्मण!

यह है ब्राह्मणों का काला इतिहास। अर्थात एक बार सांप पर विश्वास कर लेना, परंतु किसी भी हालत में ब्राह्मणों पर विश्वास मत करना....

ब्राह्मण भारत की कुल जनसंख्या के मात्र 3.5 प्रतिशत हैं, परंतु ब्राह्मण का भारत की कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक आदि की 80 प्रतिशत व्यवस्था पर कब्जा है....

कुल मिलाकर समस्त झगड़ों की जड़ है = ब्राह्मण!

समस्त जातियों के पिछड़ेपन की जड़ है = ब्राह्मण!

इसीलिए जनता को अपने हक और अधिकारों के लिए जातिय जनगणना और जागरूक होना बहुत जरूरी है, अन्यथा भारत की गैरब्राह्मण जनसंख्या यानि भारत के मूलनिवासी कभी भी विकास नहीं कर पाएंगे।

इसीलिए ब्राह्मण को ब्राह्मण के द्वारा रचित धार्मिक व्यवस्था के जातीय मकड़जाल में फंसाना बहुत जरूरी है।

1. ब्राह्मण को सिर्फ पूजापाठ, कर्मकांड, हवन, यज्ञ आदि करने चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं....

2. क्षत्रिय को सिर्फ देश की सुरक्षा करनी चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं....

3. वैश्यों को सिर्फ व्यापार करना चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं।

और

4. शूद्रों को राष्ट्रपति से लेकर चपरासी तक के पदों पर चयनित होकर सिर्फ देश की सेवा करनी चाहिए, इसके अलावा कुछ नहीं....

हमें चाहिए आजादी।

ब्राह्मणवाद से आजादी।।

मताधिकार हमारा संवैधानिक अधिकार है जो ब्राह्मणवादी अत्याचारों से लड़ने का सबसे कारगर और जबरदस्त हथियार है जिसका प्रयोग करके हम अपनी संवैधानिक आजादी प्राप्त कर सकते हैं।

              #$#$#$#$#$#$#$#$

अगर समाज को जागरूक करने में एकलव्य मानव संदेश के साथ जुड़ना चाहते हैं तो आप हमारे पाठक बनकर और  उसी के माध्यम से हमारे रिपोर्टर बनकर सहयोग कर सकते हैं।
देखें: 

सामाजिक क्रांति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आज ही हमारे न्यूज़ ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउन लोड करने के लिए नीचे दी है लिंक को किलिक कीजिए  https://play.google.com/store/apps/details?id=com.kamaltonishad.ems_v2

  आपका छोटा सा सहयोग हमारे प्रयासों को गति प्रदान कर सकता है।

क्योंकि इस ऐप पर आपको सामाजिक क्रांति को पूरे भारतवर्ष और दुनिया भर में मजबूती प्रदान करने के लिए एकलव्य मानव संदेश हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र (एक साल में 48 समाचार पत्र 240 रुपये के ऑनलाइन फ्री मिलेंगे) , एकलव्य मानव संदेश हिन्दी मासिक पत्रिका (एक साल में 12 मासिक पत्रिका 420 रुपये की ऑनलाइन फ्री मिलेगी)

एवं

 Eklavya Manav Sandesh डिजिटल न्यूज़ चैनल (www.eklavyamanavsandesh.com

 एवं Eklavya Manav Sandesh यूट्यूब चैनल 

https://youtube.com/@eklavyamanavsandesh2400 ) की सभी खबरें एक ही किलिक पर देखने के लिए मिलती रहेंगे

और

आप हमारे रिपोर्टर बनने और विज्ञापन के लिए भी सम्पर्क कर सकते हैं-

 जसवन्त सिंह निषाद

 संपादक / प्रकाशक / स्वामी / मुद्रक

कुआर्सी, रामघाट रोड, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, 202002

मोबाइल/व्हाट्सऐप नम्बर्स

 9219506267, 9457311667